मुझे नहीं जानना, उनकी शख्सियत को दुनिया
किस पैमाने पर आंकती है//
मेरे लिए तो इतना पर्याप्त है कि
खिलते फूल सी निश्छल मुस्कान में
एक निर्मल आत्मा झांकती है
उमाकान्त
किस पैमाने पर आंकती है//
मेरे लिए तो इतना पर्याप्त है कि
खिलते फूल सी निश्छल मुस्कान में
एक निर्मल आत्मा झांकती है
उमाकान्त